100+ Short Stories in Hindi with Moral for Kids

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Short Stories in Hindi with Moral for Kids 2022: Hello दोस्तों, कहानियाँ किसे पसंद नही होता है लेकिन ऐसा सब जानते होंगे की कहानी सबसे ज्यादा बच्चों को ही अच्छा लगता है। ये कहानियाँ ही वो माध्यम हैं जिससे बच्चों को नयी प्रेरणा मिलती है और साथ ही जीवन को सही तरीके से जीने की सिख भी मिलती है।


बच्चों की कहानियों में भी आपको काफी अलग-अलग कहानी देखने को मिलेंगी। ऐसा इसलिए क्योंकि  कहानियों के लेखक अलग अलग तरह के कहानियां बच्चों के लिए लिखते हैं। जैसे की आप ने सुना ही होगा राजा रानी की कहानी, जानवरों की कहानी, भूतों की कहानी, पक्षियों की कहानी और भी ऐसे बहुत से  कहानी हैं।


अगर आप बच्चे है तो कभी न कभी आपने अपने बड़े दादी-दादा, मम्मी-पापा को यह कहते हुए जरुर सुना होगा की उनके समय में उन्हें ये कहानियां Short Stories in Hindi  उनके दादी, नानी या परिवार के बड़े बुजुर्ग लोग उनके सोते समय सुनाया करते थे। लेकिन समय के साथ साथ सब कुछ बदलने लगा है।


बच्चें अब ज्यादा समय अपने Mobile या computer में ही लगे रहते हैं, ऐसे में उन्हें कहानी सुनने के मज़ा नहीं मिल पा रहे हैं जो की पहले के लोगों ने अनुभव किया होगा।


तो फिर देरी किस बात की चलिए वो सभी कहानियों को पढ़कर  मज़ा लेते हैं जो की आपको ज़रूर से आनंद देगी।

Short Stories in Hindi for Kids (2022)

बच्चों को इन बेहतरीन Short Stories of Hindi को पढने के लिए लिए ही आज मैंने आप लोगों के लिए यह लेख “Short Stories in Hindi” प्रस्तुत किया है. ये कहानियाँ सभी दादा-दादी, मम्मी-पापा के लिए हैं, लेकिन ख़ासकर ये कहानियाँ  बच्चों के लिए लिखा गया है।


अगर आपको कहानी नही आती है और आप अपने को कहानियाँ सुनाना चाहतें है, तो आप भी अपने बच्चों को कुछ ऐसे ही अनोखी और रोचक हिंदी कहानियाँ सुनना चाहते हैं तब आप यहाँ से कहानिओं को पढकर अपने बच्चों को सुना सकते हैं.


तो बिना देरी किये एक बढ़िया सी कहानी सुनते हैं, लेकिन-लेकिन कहानियों को अपने बच्चों को जरुर से जरुर सुनाईयेगा और हाँ इसे अपने दोस्तों और अपने परिवारों को शेयर भी कर दीजियेगा, तो चलिए अब फिर से शुरू करते है।

1. हाथी और तोता की कहानी: Short Hindi Story with Moral

एक तोता बहुत लंम्बे समय से पिंज्ज़रे में रह रह कर तंग आ चुकी थी, वह खुले आकाश में उड़ना चाहती थी. बहुत कोशिश करने के बाद आखिर तोता पिंज़रे से बाहर आ गई और एक जंगल में जा पहुंची।


तोता हर रोज तरह-तरह के मीठे फल खाती थी. पगली जैसी उछलती कूदती जंगल के चारो ओर घुमा करती थी. वो अपना जीवन बहुत ख़ुशी-ख़ुशी विताने लगी।


एक दिन तोते को एक बड़े पेड के नीचे सोती हुई एक हाथी दिखाई पड़ी. तोता उसे सोते देखते के हाथी को परेशान करके नीद से जगाना चाहती थी।


वह तेज़ी से पेड पर से नीचे आई और अपने चोंच से हाथी के सिर पर मारी और हाथी जग गई और आँख खोल कर हाथी देखी तो तोता पेड पर जा कर बैठ गई और हंसने लगी. और हाथी नाराज होकर बोली ‘अरे तोता तुम्हें क्या परेशानी है’ तोता ने जवाब दी ‘मजाक है मेरे दोस्त’ और हंसने लगी. हाथी को कुछ फर्क नही पड़ा आँखे बंद करके हाथी फिर से सो गई।


कुछ देर बाद तोता नीचे हाथी के पास आकर दुबारा उसको परेशान करने लगी और तुरंत वहां से उड़ कर पेड पर चली गई. हाथी गुस्से से चीलाई ‘अरे तू फिर से आ गई तुझे कुछ काम नही है क्या’ लेकिन ये तोते को बहुत मजाक लगा. बार बार तोता उसे परेशान करने लगी और हाथी भी कुछ करना नही चाहती थी और वो वहां से उठकर चली गई।


तोते को एक और बार बहुत मजा आ गया और वो दौड़ कर फिर से एक और बार हाथी के सर पर चोंच मारी लेकिन हाथी को बहुत गुस्सा आ गया. हाथी भी सोचने लगी अब कुछ न कुछ करके तोते को सबक सिखाना को सोची।


हाथी एक तालाब के पास गई और अपने सिर को छोड़ कर पूरा शरीर पानी में डुबो दिया और इसको देख तोते को बहुत मजा आया वो सोची अरे देखो मेरे से डर कर हाथी पानी में जा कर छिप गई और खूब हंसने लगी और फिर से हाथी के सिर पर जा कर बैठ गई और अपनी चोंच हाथी को चुभाना चाही और हाथी को पहले से पता था इसलिए हाथी अपने सूड में पहले से ही पानी भर ली थी।


तोता चुभाने वाली ही थी इतने में हाथी ने तेज से पानी तोते पर जा फेंकी और तोते को बहुत जोर से लगा और वो तालाब में गिर गई, जान के लिए तड़प रही थी लेकिन हाथी को तोते पर दया आ गई और वो तोते को बचा ली और तोते ने हाथी से माफ़ी मागी और उसको बहुत अच्छा सबक मिला और हाथी वहां से हँसते हुए चली गई. और अब तोते को बड़े और छोटे के बीच का अंतर पता चल गया।

सीख

मजाक करने की भी एक हद होती है, उसे जानकार व्यवहार करनी है. दूसरों के द्ववारा तुम आदर चाहते हो, तो पहले दूसरों का आदर करो।

2. शेर और चूहे की कहानी: Short Hindi Story with Moral

एक समय की बात है जब जंगल का राजा शेर जंगल में सो रहा था तभी उसी समय वहाँ एक चूहा आ गया और अपने मनोरंजन के लिए शेर के शरीर पर उछल कूद करने लगा। इससे शेर की नींद ख़राब हो गई और शेर उठ गया और उसे बहुत गुस्सा आ गया।

वहीँ पर जब शेर चूहे को खाने के लिए गया तब चूहे ने उससे विनती करी की उसे वो आजाद कर दें और वो उसे कसम देता है की कभी यदि उसकी जरुरत पड़े तब वो जरुर से शेर की मदद के लिए आएगा. चूहे की इस साहसिकता को देखकर शेर हँसने लगा और चूहे को जाने के लिए बोल दिया।

कुछ महीने बीत जाने के बाद एक दिन, जंगल में कुछ शिकारी शिकार करने आये और उन्होंने शेर को अपने जाल फंसा लिया। वहीँ उन लोगों ने शेर को एक पेड़ से बांध दिया. ऐसे में शेर बहुत परेशान हो गया और खुदको छुड़ाने का बहुत कोशिश की लेकिन कुछ भी न कर सका. शेर को बहुत गुस्सा भी आया और वो बहुत जोर-जोर से दहाड़ने लगा।

शेर की दहाड़ बहुत दूर-दूर तक सुनाई दे रही थी. वहीँ आस पास के रास्ते से चूहा जा रहा था और जब चूहे ने शेर की दहाड़ सुनी तो उसे कुछ आभास हुआ की शेर कोई न कोई परेशानी में जरुर है. चूहा जैसे ही शेर के पास पहुंचा, तो देखा शेर जाल में फंशा हुआ है और चूहा बिना किसी देरी के अपने दांतों से जाल को काटने लगा और कुछ देर में शेर को आजाद कर दिया.

शेर ने चूहे को धन्यवाद बोला, और दोनों बाद में एक साथ मिलकर जंगल की और चले गए. वो दोनों जंगल में खुशी-ख़ुशी रहने लगे।

सीख

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की उदार मन से किया गया कार्य हमेशा फल देता है।

3. लकड़हारा और सुनहरी कुल्हाड़ी की कहानी : Moral Stories in Hindi in Short

बहुत समय पहले की बात है जंगल के पास एक गाँव था उस गाँव में एक लकडहारा रहता था. वो जंगल में लकड़ी काटता और पास के बाज़ार में जाकर बेच देता, उसे वहां से कुछ पैसे मिल जाते और वो इन्ही पैसों से अपना घर चलाता था।

एक दिन लकडहारा जंगल में पेड़ काट रहा था, और उसी पेड़ के पास एक नदी भी थी तभी उसके हाथ से कुल्हड़ी उस नदी में जा कर गिर गई. नदी देखने में जितनी बड़ी थी वो उतनी ही गहरी भी थी.


लकडहारा बहुत कोशिश किया कुल्हड़ी को खोजने की लेकिन वो नही मिली. लकडहारा को लगा अब उसे कुल्हड़ी नही मिलेगी, वो वहीँ पर दुखी हो गया और नदी के किनारे बैठकर रोने लगा।

लकडहारा की रोने की आवाज़ सुनकर नदी के देवता प्रकट हुए और लकडहारे से पूछा ‘क्या हुआ’. लकडहारे ने भगवान से अपनी दुःखभरी  कहानी बताई. नदी के भगवान को उस लकड़हारे के ऊपर दया आ गई और वो उसकी मेहनत और सच्चाई को देखकर उसकी मदद करने की सोच लिए।

नदी के भगवान नदी में गायब हो गए और एक चमकती हुई सुनहरी कुल्हाड़ी वापस लेकर नदी से प्रकट हुए, जब वो बोले क्या ये तुम्हारा है तब लकड़हारे ने जवाब दिया कि यह उसका नहीं है. वो फिर से गायब हो गए और अब की बार उन्होंने चांदी की कुल्हाड़ी लेकर नदी में प्रकट हए, लेकिन इस बार भी लकड़हारे ने वही जवाब दिया और कहा कि ये कुल्हाड़ी उसकी नहीं है।

अब नदी के भगवान नदी में फिर से गायब हो गए और अब की बार वो एक लोहे की कुल्हाड़ी के साथ वापस से पानी में प्रकट हुए. लकड़ी का कुल्हाड़ी देखकर लकड़हारा खुश हो गया और मुस्कुराकर कहा कि हाँ येही मेरी कुल्हाड़ी है।

नदी के भगवान ने लकड़हारे की ईमानदारी को देखकर प्रभावित होकर उन्होंने सोने और चांदी की दोनों कुल्हाड़ियों को भी लकड़हारे को भेंट किया।

सीख

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है.

4. लालची शेर की कहानी: Short Stories in Hindi for Kids

एक बार की बात है जंगल में बहुत गर्मी थी. जंगल के एक शेर का बहुत बुरा हाल हो गया उसे बहुत जोरों से भूख भी लगी थी. इसलिए शेर जंगल में इधर उधर खाने की तलाश कर रहा था।

कुछ देर तक वो खोजते रहा लेकिन उसे कुछ खाने को नही मिला खोजने तभी शेर को जंगल में एक खरगोश मिल जाता है, लेकिन वह उसे खाया नही बल्कि ये जान कर छोड़ दिया की वो बहुत ही छोटा था।

शेर को कुछ देर खाना धुंडने के बाद उसे रास्ते में एक हिरन मिला, उसने उसका पीछा भी किया लेकिन, वो बहुत से खाने की तलाश करते-करते कर बहुत थक गया था, जिसके कारण वो हिरन को पकड़ नहीं पाया।

अब जब शेर को कुछ खाने को नहीं मिलता है तब वो वापस उस खरगोश को खाने के बारें में सिचता है। जब शेर वापस उसी स्थान पर आया, तो उसे वहां पर कोई भी खरगोश नहीं मिला क्योंकि वो वहाँ से जा चूका था. अब शेर बहुत दुखी हो गया और बहुत दिनों तक शेर को भूखा ही रहना पड़ा।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की ज्यादा लोभ करना कभी भी हमारे लिए फलदायक नहीं होता है.

5. हाथी और उसके दोस्तों की कहानी : Short Moral Stories in Hindi

एक बार की बात है, एक अकेला हाथी एक अजीब से जंगल में बसने आया. यह जंगल हाथी के लिए बहुत नया और अजीब भी था, और वह दोस्त बनाने के लिए देख रहा था.

वो सबसे पहले एक बंदर से के पास जाता है और कहा, “नमस्ते, बंदर भाई ! क्या आप मेरे दोस्त बनना चाहेंगे? ” बंदर ने कहा, क्या तुम मेरी तरह झूल सकते हो तो हाथी ने कहा नही भाई, बन्दर बोला तब मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता और तुम बहुत बड़े भी हो.

इसके बाद हाथी एक खरगोश के पास जाता है और वही सवाल खरगोश से भी पूछता. लेकिन खरगोश ने कहा, तुम मेरे बिल में घुस नही पाओगे क्योकिं तुम बहुत बड़े हो, इसलिए मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता मरे हाथी भाई.

जंगल में बहुत बड़ा तालाब भी था और हाथी वहाँ गया और उस तालाब में रहने वाले मेंढक के पास आया और वही सवाल फिर से पूछा. मेंढक ने उसे जवाब दिया, तुम मेरे जितना ऊँचा कूद नहीं सकते क्योकिं तुम बहुत भारी हो, इसलिए हाथी भाई मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता. अब हाथी वास्तव में उदास हो गया था क्योंकि वह बहुत कोशिशों के वाबजूद किसी को भी अपना दोस्त नहीं बना सका.

तब एक दिन ऐसा हुआ की सभी जानवर जंगल में इधर उधर दौड़ रहे थे, ये देखकर हाथी ने दौड़ रहे एक भालू से पूछा कि ये सब क्यों भाग रहे हैं और इनके भागने के पीछे का कारण क्या है.

भालू ने हाथी से कहा, अरे तुम भी भागो जंगल का शेर शिकार पर निकला है – वे खुद को उससे बचाने के लिए भाग रहे हैं. ऐसे में हाथी शेर के पास जाता है और कहता है कृपया करके इन निर्दोष लोगों को चोट न पहुंचाओ. कृपया उन्हें अकेला छोड़ दें.

शेर ने हाथी के बातों का मजाक उड़ाया और शेर ने हाथी को एक तरफ चले जाने को कहा. तभी हाथी को बहुत गुस्सा आया और उसने शेर को सारी ताकत लगाकर धक्का दे दिया, जिसके कारण वह घायल हो गया और वहां से भाग खड़ा हुआ.

अब बाकी सभी जानवर जब इस बात को सुने तब सभी धीरे-धीरे बाहर आ गए और शेर की हार को लेकर बातें करने लगे. जंगल के सभी जानवर हाथी के पास गए और उससे कहा, “तुम्हारा आकार एकदम सही है हमारा दोस्त बनने के लिए !” हाथी भाई आज से हम सब तुम्हारे दोस्त हैं. हाथी बहुत खुश हो गया और जंगल में अपना जीवन वैतित करने लगा.

सीख

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की एक व्यक्ति का आकार उनके मूल्य का निर्धारण नहीं करता सकता है.


6. दो मेंढ़कों की कहानी : Short Animal Stories in Hindi

एक बार की बात मेंढकों का एक दल पानी की तलाश में जंगल में इधर उधर घूम रहा था। अचानक, दो मेंढक गलती से एक गहरे गड्ढे में गिर गए।

दल के दूसरे मेंढक भी गड्ढे में अपने दोस्तों के लिए चिंतित थे। वो गड्ढा इतना गहरा था, की सारे मेंढक डर गए थे. यह देखकर उन्होंने दो मेंढकों से कहा कि गहरे गड्ढे से बचने का कोई रास्ता नहीं है और कोशिश करने का कोई मतलब भी नही होता है।

वे लगातार उन्हें हतोत्साहित करते रहे क्योंकि दो मेंढक गड्ढे से बाहर कूदने की कोशिश कर रहे थे। वो दोनों मेंढक जितनी भी कोशिश करते लेकिन सफल नहीं हो पाते।

जल्द ही, दो मेंढकों में से एक ने दूसरे मेंढकों पर विश्वास कर लिया – कि वे कभी भी गड्ढे से नहीं बच पाएंगे और हार मान लेने के बाद उसकी मृत्यु हो गई।

दूसरा मेंढक अपनी कोशिश जारी रखता है और आखिर में इतनी ऊंची छलांग लगाता है कि वह गड्ढे से बच निकलता है। अन्य मेंढक इस पर चौंक गए और आश्चर्य किया कि उसने यह कैसे किया।

अंतर यह था कि दूसरा मेंढक बहरा था और समूह के मेंढकों की बातें नहीं सुन सकता था। उसने ये सोचा कि वे उसके इस कोशिश पर खुश हो रहें हैं और उसे वो सब कूदने के लिए उत्साहित कर रहे हैं !

सीख

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की दूसरों की राय आपको तभी प्रभावित करती है जब आप उस पर विश्वास करेंगे, बेहतर इसी में है की आप खुद पर ज़्यादा विश्वास करें, सफलता आपके कदम जरुर चूमेगी।

7. घमंडी गुलाब की कहानी : Good Short Stories in Hindi

एक बार की बात है, दूर एक रेगिस्तान में, एक गुलाब था जिसे अपने सुंदर रूप पर बहुत गर्व था। उसकी एकमात्र शिकायत एक बदसूरत कैक्टस के बगल में बढ़ रही थी।

हर दिन, सुंदर गुलाब कैक्टस का अपमान करता था और उसके लुक्स पर उसका मजाक उड़ाता था, जबकि कैक्टस चुप रहता था। आस-पास के अन्य सभी पौधों ने गुलाब को समझने की बहुत कोशिश करते थे, लेकिन वह भी अपने ही रूप से प्रभावित थी।

एक चिलचिलाती गर्मी, रेगिस्तान सूख गया, और पौधों के लिए पानी नहीं बचा। गुलाब जल्दी मुरझाने लगा। उसकी सुंदर पंखुड़ियाँ सूख गईं, अपना रसीला रंग खो दिया।

कैक्टस की ओर देखते हुए, उसने देखा कि एक गौरैया कुछ पानी पीने के लिए अपनी चोंच को कैक्टस में डुबा रही है। हालांकि शर्म आ रही थी, गुलाब ने कैक्टस से पूछा कि क्या उसे कुछ पानी मिल सकता है।


दयालु कैक्टस आसानी से सहमत हो गया, उन दोनों को कठिन गर्मी के माध्यम से, दोस्तों के रूप में मदद करने के लिए।

सीख

कभी भी किसी को उनके अच्छे रूप के तरीके से मत आंकिए।

8. लोमड़ी और अंगूर की कहानी : Best Short Moral Stories in Hindi

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक लोमड़ी को बहुत जोर से भूख लगी थी। उसने पुरे जंगल में छान मारा लेकिन उसे वहाँ कहीं पर भी खाने को कुछ भी नहीं मिला। इतनी मेहनत करने के बाद भी , उसे कुछ ऐसा नहीं मिल पाता जिसे वह खा सके और अपनी भूख को शांत कर सके।

जैसे ही उसके पेट में गड़गड़ाहट हई, वह एक दीवार से टकरा गया। दीवार के शीर्ष पर पहुँचकर, उसने अपने सामने बहुत से बड़े, रसीले अंगूरों को देखा। वो सभी अंगूर दिखने में काफ़ी ताज़े और सुंदर थे। लोमड़ी को ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वे खाने के लिए तैयार हैं।

अंगूर तक पहुँचने के लिए लोमड़ी हवा में ऊंची छलांग लगाई। लेकिन कूदते ही उसने अंगूर पकड़ने के लिए अपना मुंह खोला, बाद में वह चूक गया। लोमड़ी ने फिर प्रयास की लेकिन फिर से चूक गया।

उसने कुछ और बार कोशिश की लेकिन असफल रहा।

आखिर कार, लोमड़ी ने फैसला कर लिया कि वो अब और कोशिश नहीं कर सकता है और उसे घर चले जाना चाहिए। जब वह चला गया, तो वह मन ही मन फुश-फुशा रहा था, की “मुझे यकीन है कि अंगूर वैसे भी खट्टे थे।”

सीख

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की जो हमारे पास नहीं है उसका कभी तिरस्कार न करें; क्योंकि हर चीज़ आसानी से नहीं मिलती।

9. एक बूढ़े व्यक्ति की कहानी : Very Short Motivation Story in Hindi

बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक बुढ़ा व्यक्ति रहता था। वह दुनिया के सबसे बदकिस्मत लोगों में से एक था। सारा गाँव उसके अजीबो-ग़रीब हरकत से परेशान हो गया था।


क्योंकि वह बुढ़ा व्यक्ति हमेशा उदास रहता था, वह लगातार शिकायत करता था और हमेशा खराब मूड में रहता था।

जितना अधिक बुढ़ा व्यक्ति जीवित रहा, उतना ही वो दुखी रहता और उसके शब्द उतने ही जहरीले थे।

कहने का मतलब यह है की वो लोगों को बहुत गलत-गलत शब्द बोलता. उससे लोग बचते थे, क्योंकि उसका दुर्भाग्य संक्रामक हो गया था।

अगर उससे जो भी मिल जाता उस बूढ़े का दिन अशुभ हो जाता। उसके बगल में खुश रहना अस्वाभाविक और अपमानजनक भी था।

इतना ज़्यादा दुखीं होने के वजह से उसने दूसरों में दुख की भावना पैदा कर ली। लेकिन एक दिन, कुछ ऐसा हुआ जब वह 80 साल का हुआ, एक अविश्वसनीय बात हुई। ये बात लोगों में आग की तरह फैल गई।

“आज वो बुढ़ा व्यक्ति अपने गाँव में बहुत खुश लग रहा था, और आज वह लोगों से किसी भी चीज़ की शिकायत नहीं कर रहा था, बुढ़ा व्यक्ति चेहरा भी आज तरोताज़ा दिखायी पड़ रहा था, और वो पहली बार मुस्कुरा भी रहा था,
यह देख कर पूरे गांव वालें उसके घर के सामने इकट्ठा हो गया।

सभी ने बूढ़े आदमी से पूछा की : तुम्हें क्या हुआ है आज?

बूढ़े व्यक्ति ने जवाब दिया : “कुछ खास बात तो नहीं है। 80 साल से मैं खुशी का पीछा कर रहा था, और यह बेकार था, मुझे कभी भी ख़ुशी नहीं मिली। और फिर मैंने खुशी के बिना जीने और जीवन का आनंद लेने का फैसला कर लिया। येही कारण है की मैं अब खुश हूं।”

सीख

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की खुशी का पीछा मत करो और जीवन का आनंद लो।

10. कुत्ता और हड्डी की कहानी : Short Moral Stories in Hindi

एक बार की बात है, एक कुत्ता था जो खाने की तलाश में रात-दिन सड़कों पर घूमता रहता था।

लेकिन एक दिन, कुत्ते को एक बड़ी सी हड्डी मिली और उसने तुरंत उसे अपने मुंह के बीच में पकड़ लिया और घर की ओर ले गया। घर के रास्ते में, उसने एक नदी पार करनी पड़ी।

वहाँ उसने गौर किया की एक और कुत्ता ठीक उसी के तरफ़ ही देख रहा था, वहीं जिसके मुंह में भी एक हड्डी थी।

इससे इस कुत्ते के मन में लालच आ गई और वह कुत्ता हड्डी को अपने लिए चाहने लगा। लेकिन जैसे ही उसने अपना मुंह खोला, जिस हड्डी को वह काट रहा था।

वह नदी में गिर गई और डूब गई। ऐसा इसलिए हुआ क्यूँकि वो दूसरा कुत्ता और कोई नहीं बल्कि उसकी ही परछायी थी, जो की उसे पानी में दिख रहा था।

अब जब की उसके मुँह की हड्डी गिर चुकी थी पानी में इसलिए उस रात वह भूखा ही रहा और अपने घर चला गया।

सीख

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की खुशी का पीछा मत करो और जीवन का आनंद लो।

Conclusion – 100+ Short Stories in Hindi with Moral for Kids

मैं आशा करता हूँ की आपको मेरी यह लेख Short Stories in Hindi जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की पढने वाले को ख़ास कर छोटे बच्चों को प्रेरणादायक कहानियों के विषय में पूरी जानकारी प्रदान कर सकूं. जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के बारें में खोजने की जरुरत न पड़े.

यदि आपको Short Story in Hindi पसंद आया और अगर आपको कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter और दुसरे Social media sites share कीजिये. तो मिलते है अब एक नए पोस्ट के साथ, तब तक के लिए धन्यवाद!

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Priyanshu Gupta

Hello दोस्तों मैं इस ब्लॉग का Writer और Founder हूँ और इस वेबसाइट के माध्यम से हम आपको यहां Blogging, Online Earning, Computer और Technology, से संबंधित पोस्ट हिंदी भाषा में मिलते हैं और जब तक हम है आप को नए-नए पोस्ट देते रहेंगे और आप उसे दिल से पढ़ते रहेंगे|

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